कल रात अर्थात सात जून को मेरे शहर हल्द्वानी में दैनिक जागरण के सौजन्य से काव्य की रसधार बही थी. जिनमे जेमिनी हरयान्वी ,सुरेन्द्र दुबे ,मुनव्वर राणा, आसकरण अटल ,कीर्ति काले ,विष्णु सक्सेना ,संतोषानंद, सुरेश अवस्थी ने काव्य के रस में हल्द्वानी की जनता को सर से पाँव तक डूबा दिया था .रात तीन बजे घर लौटना हुआ .बीच में उठना चाहा तो हरिओम पवार जी के कड़कते फरमान ने सबके कदम रोक लिए .उन्होंने वीर रस में सराबोर होकर कड़कते सुर में हुक्म दिया की कोई नहीं हिलेगा ..और वाकई कोई नहीं हिला .और आज जब ये खबर सुनी की ओम प्रकाश आदित्य जी नहीं रहे तो सहसा विश्वास ही नहीं हुआ ..इसी हल्द्वानी के मंच पर वो पिछले साल अपनी उपस्थिति से हल्द्वानी की जनता को हास्य रस में डुबो गए थे ..हमने लैपटॉप पर पूरा सम्मलेन रिकॉर्ड किया था ,और बाद में कई बार इसका आनंद लिया था..आज भी यह हमारे पास सुरक्षित है .आदित्य जी चले गए लेकिन उनकी आवाज़ सदा हमारे पास मौजूद रहेगी ...
मैं ओम प्रकाश जी और उनके साथ दिवंगत हुए कवियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ .
अरे वाह!! कुछ कवितायें उनकी सुनवाईये भी तो..अकेले सुनकर रख लेना ठीक नहीं.
जवाब देंहटाएंहृदयविदारक घटना मेम दिवंगत कवियों को श्रृद्धांजलि.
भूल सुधार - जेमिनी हरियाणवी की जगह अरुण जेमिनी पढें .
जवाब देंहटाएंआप भाग्यशाली हैं की आपके पास संस्मरण सुरक्षित है ,ओम प्रकाश जी एवं अन्य कवियों ने बहुत कुछ अपना न्योछावर किया है हिंदी भाषा के उत्थान के लिए ,उनके असामयिक निधन से निश्चित मंच का नुक्सान हुआ है .हम सभी की भावभीनी श्रद्धांजलि .
जवाब देंहटाएंदिवंगत कवियों को हार्दिक श्रद्धांजलि. बहुत ही हृदय विदारक दुर्घटना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
साहित्य-जगत को बहुत गहरा आघात्।
जवाब देंहटाएंहबीब तनवीर जी, आदित्य जी, नीरज पुरी जी, और लाड सिंह गुज्जर जी को भाव-भीनी श्रद्धांजलि।
अच्छी प्रस्तुती मैम...कभी संभव हो तो वो रिकार्डिंग अवश्य लगाइयेगा अपने ब्लौग पर।
जवाब देंहटाएंतो आप मेरी माँ के जन्म के शहर में हैं!
जवाब देंहटाएंरिकार्ड हम सबको भी सुनवाइए।
घुघूती बासूती
हँसाने वाले कभी कभे बहुत रुलाते हैं. ऐसा ही हुआ है
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