इनकी ...........................
आए दिन ज़ुबान फिसल रही है
अक्ल काम नहीं कर रही है |
ब्लड प्रेशर हाई है
चेहरे पर उड़ी हवाई है |
सीने में जलन है
आवाज़ में कम्पन है |
पसीना पोछ रहे हैं
''कल क्या होगा'' सोच रहे हैं |
सांस में सांस अटकी है
गले में फांस अटकी है |
चेहरा सिकुड़ा है
शरीर निचुड़ा है |
हौसले पस्त हैं
चाल सुस्त है |
पैर लड़खड़ा रहे हैं
भीड़ देखकर हड़बड़ा रहे हैं |
उम्मीदें बुझी - बुझी हैं
कमर झुकी - झुकी है |
रीढ़ टूट गई है
नींद रूठ गई है |
आँखों से दिखाई नहीं देता
कानों से सुनाई नहीं देता |
सारे रंग उड़े हुए हैं
दस दिनों में बूढ़े हुए हैं |
जो अनशन पर बैठा है वो बिलकुल स्वस्थ है
फिर ये कौन हैं जिनकी हालत पस्त है ?
्बेहतरीन्।
जवाब देंहटाएंगिरगिटों की जमात है शेफ़ाली जी ये तो :)
जवाब देंहटाएंबढिया है.
ये मोटी चमड़ी वाले नेतागन इतना भी नहीं सोचते कि अपने घर का बुजुर्ग १० दिन से भूखा बैठा है........ उसकी सुनी जाये..
जवाब देंहटाएंउफ़...
इन्हीं की हालत पस्त है..
bahut sahi kaha aapne.... kal aal party meet me kai mp aur mantri biskut khate dekhe gaye...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब कही आपने .
जवाब देंहटाएंvery nice
जवाब देंहटाएंगहरी पंक्तियाँ।
जवाब देंहटाएंगहन कटाक्ष ...
जवाब देंहटाएंसारे सांसदों का भी कम से कम ब्लड प्रेशर चेक करवा लेना चाहिए ..
पुण्यात्मा स्वस्थ है .. पापात्मा पस्त है !!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब कहा है...
जवाब देंहटाएं@@फिर ये कौन हैं जिनकी हालत पस्त है ?.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.
दोनो कविताये तीखा प्रहार करती हुइ.
जवाब देंहटाएंरोचक!
जवाब देंहटाएंफ़िर भी ये नालायक रास्ते पर नही आ रहे हैं, सशक्त रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अन्ना हजारे ने कहा कि देश में जनतंत्र की हत्या की जा रही है और भ्रष्ट सरकार की बलि ली जाएगी। यानि खून के बदले खून?
जवाब देंहटाएंअब तो अनशन करने वालों की भीड़ लगी है जी! :)
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