वाकई कविता का जन्म इतना भी आसान नहीं हैवह क्या कविता रचेगाजो किसी के दर्दकिसी की पीड़ा किसी के टूटन सेपरेशान नहीं है
शिराओं में रक्त की जगह बैचेनियाँ दौड़ने लगती हैं तब कहीं जाकर जन्म लेती है एक अदद कविता....बहुत खूब ! शेफाली जी आप जैसे लोग ही इन्टरनेट के जरिये कुछ बदलाव ला सकते है ..आगे भी यु ही लिखते रहे ..धन्यवाद
कविता की व्यथा को तो एक कवि या कवियत्री ही समझ सकती है।
माफ़ कीजियेगा ये कविता कौन है???
bahut sahi kahan beti.
dadi ji aap sach kah rahi hain
अच्छा लगा पढ़ कर..बहुत खूब !
arre ye to aapne bataayaa hi nahi ki--"kavitaa kaa birthday kab aataa hain??????"wish bhi to karnaa hain.thanks.WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
आक्रोश से जन्म ली कविता ही क्रांति लाती है...जय हिंद...
कविता के जन्म की स्थितियाँ देश काल के अनुसार है ।रचना की सँरचना के लिए बधाई ।
मास्टरनी जी, क्या कविता लिखी है.... वाकई आक्रोश और विचारों के मंथन से ही कालजयी रचना जन्म लेती है...
कभी हंसते हंसते भी कवि्ता जन्म लेती है
हम्म ..बहुत अच्छी प्रस्तुति
वाकई कविता का जन्म
जवाब देंहटाएंइतना भी
आसान नहीं है
वह क्या कविता रचेगा
जो किसी के दर्द
किसी की पीड़ा
किसी के टूटन से
परेशान नहीं है
शिराओं में रक्त की जगह
जवाब देंहटाएंबैचेनियाँ दौड़ने लगती हैं
तब कहीं जाकर
जन्म लेती है
एक अदद कविता....बहुत खूब ! शेफाली जी आप जैसे लोग ही इन्टरनेट के जरिये कुछ बदलाव ला सकते है ..आगे भी यु ही लिखते रहे ..धन्यवाद
कविता की व्यथा को तो एक कवि या कवियत्री ही समझ सकती है।
जवाब देंहटाएंमाफ़ कीजियेगा ये कविता कौन है???
जवाब देंहटाएंbahut sahi kahan beti.
जवाब देंहटाएंdadi ji aap sach kah rahi hain
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा पढ़ कर..बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंarre ye to aapne bataayaa hi nahi ki--"kavitaa kaa birthday kab aataa hain??????"
जवाब देंहटाएंwish bhi to karnaa hain.
thanks.
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आक्रोश से जन्म ली कविता ही क्रांति लाती है...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
कविता के जन्म की स्थितियाँ देश काल के अनुसार है ।
जवाब देंहटाएंरचना की सँरचना के लिए बधाई ।
मास्टरनी जी,
जवाब देंहटाएंक्या कविता लिखी है.... वाकई आक्रोश और विचारों के मंथन से ही कालजयी रचना जन्म लेती है...
कभी हंसते हंसते भी कवि्ता जन्म लेती है
जवाब देंहटाएंहम्म ..बहुत अच्छी प्रस्तुति
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