उन्हें -
हार मिले
इन्हें -
हार मिली ।
उन्हें -
जनादेश हुआ
इन्हें -
जाने का
आदेश हुआ ।
उन्होंने -
भारी
मत पाए
इन्होने -
भारी
मन पाए ।
उनका -
बढ़ गया
जनाधार
इनका -
जन ने किया
बंटाधार ।
उनके -
चौखट
ढोल बाजे
इनके -
चौखटे
बारह बाजे ।
उनके -
गठबंधन का
पव्वा हाई
इनका -
ठगबंधन
हवा - हवाई ।
उनकी -
होली, दीवाली
अबीर, गुलाल
इनका -
मुहर्रम, मातम
गाल शर्म से लाल ।
उनको -
जनता ने
माफ़ किया
इनको -
जनता ने
साफ़ किया ।
उनके -
हाथ युवा
जोश
इनके -
साथ युवा
रोष ।
वे -
चढ़ेंगे
सिंहासन
ये -
करेंगे
शीर्षासन ।
उधर -
पंजा - पंजा
कमल हो गया
इधर -
पंजा - पंजा
कलम हो गया ।
वैसे होना जैसा तो नहीं था
जवाब देंहटाएंपर वाकई गजब हो गया
बस इतनी तमन्ना है
ना कहना पड़े बाद में
किसी को हाय हाय
या रब ये क्या हो गया :)
बहुत सुंदर लिखा है ।
Beautiful.Sharing :)
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (19-05-2014) को "मिलेगा सम्मान देख लेना" (चर्चा मंच-1617) पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अपना अपना नज़रिया - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंऐसा तो होना ही था किसी एक के साथ
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