मंगलवार, 10 नवंबर 2015

सोहन लाल द्विवेदी से क्षमा प्रार्थना सहित

उठो  'शाह'  अब आँखें खोलो 
मात मिली है अब मुंह धो लो । 
 
कैसी बात 'कमल' सब भूले 
उसके ऊपर 'लालटेन' झूले । 

नैया डूब गयी लहरों पर 
किया भरोसा अति 'मांझी' पर। 

मिस्टर कुमार पर लाली छाई 
तीसरी बार जो कुर्सी पाई । 

घोर अनर्थ 'कुशासन ' फिर आया 
जन - मानस को बिहारी भाया । 

असली - नकली सब देत दिखाई  
चुनाव ख़त्म, जनता मुस्काई  

इस कदर नफरत न बोओ 
'साहेब' प्यारे अब मत सोओ।

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